पुरानी डायरी से :
🕘 सोच समय की🕒👉👂 दो कदम आगे जाने को सोचा,
क्रमबद्ध
मुश्किल आने को आया
पर किसी ने ना पुछा, ना समझा
सब ने सोचा तेज है बच्चा ।
'सब ने सोचा...तेज है बच्चा'
हमने भी यही सोचने की गुस्ताखी की,
समय ने ना कभी दुबारा लोटने को मौका दी ।
अब मै समय की तरह बनूँगा,
अब मै... समय की तरह बनूँगा
पीछे ना लौटने को सोचूँगा
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