Email Subscription

Enter your E-mail to get
👇👇👇Notication of New Post👇👇👇

Delivered by FeedBurner

Followers

Sunday, 10 September 2017

हमारा अभिषेक (Hamara Abhishek) -ps

।। हमारा अभिषेक ।।

आज दिल से निकले है सौगात मेरे यार के लिए,
दिल चाहता है जान लूटा दूँ इस दिलदार के लिए ।
कारण ना ढूँढ़ता हम सब से मिलने के लिए,
मन से जुड़े रहता हम सब के प्यार के लिए ।

एक समय हम उसे चिढ़ाते कान लाल के लिए,
गुस्सा ऐसे होता जैसे खून पीने के लिए ।
पोटता किसी को ऐसे जैसे पटाने के लिए,
छोड़ता जल्दी उसको, दूसरी जाल में फँसाने के लिए ।