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Friday 15 September 2017

जिंदगी एक सफर है सुहाना (Zindagi ek safar hai suhana; Journey) -ps

जिंदगी एक सफर है सुहाना

जिंदगी एक सफर है सुहाना (Journey) -ps prkshsah2011.bogspot.in

जिंदगी एक सफर है सुहाना,

मिलजुल कर है अपनाना।

चलो सब साथ या अकेला,

बोझ अपना या दूसरे का, खुद पे इतना मत देना

कि खुद का ही वजूद भूल जाओ।

देखो अगल बगल कोई दोस्त है या दुश्मन,

ट्रेन के डिब्बें अच्छे हैं या टूटे-फूटे अस्त-व्यस्त,

चलो इसमें कोई फर्क ना करें,

हमसब एक ही परमात्मा के हैं जो बंदें ।

अलग अलग पट्रियों से हो कर

जिंदगी की एक ही मंजिल तक है पहुंचना

जिंदगी एक सफर है सुहाना,

मिलजुल कर है अपनाना ।

जिंदगी एक सफर है सुहाना,

   मिलजुल कर है अपनाना...
©ps

4 comments:

  1. अतिसुन्दर प्रकाश जी

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    Replies
    1. धन्यवाद शकुंतला जी...आपकी सराहना के लिए ।

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  2. खूबसूरत एहसासों को खूबसूरती से लिखा है....

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपने इन एहसासों को महसूस किया...इसके लिए शुक्रिया।

      Delete