“सच्च कहा है किसी ने की वक्त के साथ हर कोई बदल जाता है,
गलती उसकी
नही जो बदलता है,
गलती उसकी होती है जो पहले जैसा रह जाता है”
मेरा मानना है...यह कथन कुछ या कहूँ कि
बहुत हद तक सही नही है,
मेरा विचार कुछ भिन्न है :
।। बदलाव ।।
माना किसी ने सच्च
कहा है कि
बदलाव जिंदगी की एक
रीत हो,
पर वो बदलाव ही किस काम की,
जिसमें साथी के साथ रहने का ही ना गीत हो ।
उस तूफान का ही क्या
काम,
जिसमे हवा अपनी राह ना बदले ।
पर उस हवा को सलाम
राह में शामिल कर ले ।
बदलाव के आड़ में
ना भूलो हम इंसान हैं
आखिरकार
गलती तो
इंसान का, इंसान के लिए ही होता है ।
©ps
ना भूलो हम इंसान हैं
ReplyDeleteआखिरकार
गलती तो
इंसान का, इंसान के लिए ही होता है ।
....गजब के जज्बात बेहतरीन... बेमिसाल.... लाजवाब....
बहुत बहुत धन्यवाद संजय जी।
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