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Friday 10 November 2017

देर रात अंधियारे में (Der Raat Andhiyare mein : Late Night) -ps

।। देर रात अंधियारे में ।।

Nightingale

तु क्यूँ चहकती रात के अंधियारे में,

क्यूँ तेरे पेट का मिलाप नही हुआ स्वादिष्ट आहारों से !

तुझे नही दीखता अब मैं सो गया, गहरी निंदों में,

तु पहले क्यूँ नही आयी, जा अब मै ना निकलूँ, इस गर्म रजाई से ।

मेरी एक लालसा तु समय पर आया कर, जिससे डूब जाऊँ तेरी स्वरगूँजन में ।

तु बार-बार क्यूँ भूल जाती, मै आलसी हूँ लड़कपन से ।

तेरी ये चहचहाहट सुनने के लिए ही जगता, देर तक इस अंधियारे में,