शून्य की आकृति में
अनगिनत बिंदु का परिश्रम है।
कंकर-कंकर पथ पर
पाँव के छाले इसके मूल्य है।
शून्य ही समय है,
अनगिनत की गिनती में
शून्य ही, इसका मान है,
प्रमाण है।
शून्य को आकार दो,
कर्म के पराक्रम से,
अणु से ब्रह्माण्ड तक,
बिंदु से लकीर तक,
इंसान से फ़कीर तक
बनने के सफर में।
©
prakashsahइस ब्लाॉग के नए पोस्ट के NOTIFICATION को E-mail द्वारा पाने के लिए
अभी SUBSCRIBE कीजिए👇
अभी SUBSCRIBE कीजिए👇
आप अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया नीचे👇 comment box में जरूर दीजिए ।
🙏🙏 धन्यवाद!! 🙏🙏
©prakashsah
UNPREDICTABLE ANGRY BOY
PRKSHSAH2011.BLOGSPOT.IN
P.C. : UAB