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Saturday 3 June 2017

रेगिस्तान का पौधा (Registaan ka Paudha) -ps

पुरानी डायरी से :


।। रेगीस्तान का पौधा ।।

पहले मै फूलों के बगीचे का फूल था,

शायद अब मैं उस बगीचे का काँटा हूँ,

अब पसंद किसी को ना आता हूँ ।

माली से भी ना कभी ख्याल किया गया

कब मैं ‘रेगिस्तान का पौधा’ बन गया ।

Thursday 1 June 2017

नन्हे बालक की अल्हड़ बातें - prakash sah

खूसूरत वादियों के गोद में
 एक बालक


खूबसूरत वादी (Beautiful Scenery) -ps www.prkshsah2011.blogspot.in
रात के अंधेरे में से
स्वप्न जिकर उठा एक बालक,
धिरे-धिरे छँटी ये रात की काली चादर,
उभरा  एक अनजाना-सा दृश्य,
अब ये सामने  कौन-सी विशाल चादर?
छँटने के बजाए बढ़ रही सवेर के अंजोर में,
चार पहर के अलावा,अब आया कौन-सा ये नया पहर?
खूबसूरत वादी (Beautiful Scenery) -ps Rajgir Tilaiya www.prkshsah2011.blogspot.in
बड़ी आँखों से कुछ क्षण तक यूँ ही देखा,
बनकर निकला
एक खूबसूरत वादियों में का पहाड़,
दाएँ जंगल, बाएँ जंगल, अडिग पहाड़ पे चढ़ता जंगल,
इन मनमोहक दृश्यों को समेटकर, बालक का मन हुआ चंचल।

फिर से एकटक, विशाल पहाड़ को बालक ने देखा,
मन में कुछ सवाल उभरा-