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Thursday, 25 March 2021

तू किसकी कलम की स्याही है - prakash sah

 

Tu Kiski Kalam ki Syaahi hai - UNPREDICTABLE ANGRY BOY - www.prkshsah2011.blogspot.in

तू किसकी कलम की स्याही  है!

लिखता हूँ मैं, देखता हूँ मैं

पर पढ़ नहीं पा रहा

तू कब से इतनी मुश्किल हाे गयी है?


जब तक तू मेरे पास थी

तुझे हर पन्ना पसंद था

चाहे वाे काला हाे या सफेद

तुझे हर ओर चलना पसंद था।


तू  बिल्कुल  बिना रूकने वाली रेलगाड़ी थी,

कुछ दिनाें में ऐसा क्या हाे गया?

तू दिखती है ताे पूरी...

पर कुछ ऐहसास है तुझमें अधूरी!

बता तेरी मजबूरी क्या है?

मैं तुझे समझ नहीं पा रहा

या, तू ही

समझाना नहीं चाह रही।


तू किसकी कलम की स्याही है!

लिखता हूँ मैं, देखता हूँ मैं

पर पढ़ नहीं पा रहा

तू किसकी कलम की स्याही है...
                          -प्रकाश साह
                                                           150318


आपकाे यह रचना कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बतायें। और अगर आपके पास कुछ सुझाव है तो उसे भी मेरे साथ जरूर साझा करें।     

🙏🙏 धन्यवाद!! 🙏🙏

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