।।
पूर्वांचल ।।
जिसने पूर्वांचल की गोद मे खेला,
पग-पग
मे देखा आस्था का मेला ।
जिसने
खाई इस मिट्टी कीसौगंध,
पल-पल
महसूस की इसकी सुगंध ।
जिन
आत्माओं में जगी धर्मत्व की ज्ञान,
जन-जन
ने माना उन महात्माओं को अपनी शान ।
आत्मज्ञान का हुआ बोध,
इस भूमी पे अवतरीत हुए, ‘महात्मा बुध्द’ ।