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Wednesday, 2 January 2019

बड़ा निक लागेला (Bada Nik Lagela) | भोजपुरी कविता | PRAKASH SAH

#आपन_भाषा भोजपुरी
मुझे अपनी भाषा से अगाढ़ प्रेम है। मैं हमेशा इसे गौरवान्वित कराने की कोशीश में रहता हूँ। मैं भोजपुरी को और समृद्ध होते देखना चाहता हूँ। इसी क्रम में यह मेरा एक छोटा कदम है।

(1)हमारा भोजपुरी भू-भाग का परिश्रम किसी से छुपा नहीं है। यहाँ के लोग सदैव ही परिश्रमी रहें हैं। जब एक किसान खेत में जीतोड़ मेहनत करके भोजन करता है तो उसे सुकून का नींद आता है...एक साधारण से घर में भी। और इसके बाद अनायास ही उसके मुख से निकल आता होगा...."बड़ा निक लागेला"।

(2) हमारे जीवन में माता-पिता से बढ़कर और कुछ नहीं होता है। इनके बिना हमारा जीवन का अर्थ शून्य है। हम सब अपनी मांँ से बहुत ही प्रेम करते हैं और खुद को उनके नजदीक ज्यादा पाते हैं। लेकिन हम उनको परेशान करने का एक कसर भी नहीं छोड़ते हैं....उनके साथ नोक-झोंक लगा रहता है। अगर माँ डाँट दे तो फिर हम उनसे रूठ कर बात नहीं करते हैं पर ज्यादा देर तक नहीं...क्योकि हम ही वो हैं जो उनसे बात किए बिना नहीं रह सकते हैं। इसके बाद माँ के साथ वही नटखटपन फिर से शुरू...। लेकिन पापा के डाँट से हमेशा ही डर लगा है....और पता नहीं क्यूँ उनकी बात दिल को चूभ भी जाती है....और इसी क्रम में हम घर छोड़न की भी ठान लेते है पर गुस्सा ठंडा होते ही सारा हेकड़ी निकल जाता है। और ऐसा भ्रम हमारे जिंदगी में कई बार आता है....और हमेशा अंत में हमारे चेहरा पे मुस्कान के साथ अनायास ही मुख से निकल आता है..."बड़ा निक लागेला हो...बड़ा निक लागेला हो...बड़ा निक लागेला"।

(3)छात्र जीवन में नींद से सदैव ही सबको लगाव रहा है। आज के सोशल मीडिया जमाने में तो देर रात तक जगना और सुबह देर तक सोना आम बात हो गई है। फिर भी हम जब भी देर से उठते हैं तो अफसोस होता है....और खुद से निश्चय करते हैं कि अगले दिन से फिर ऐसा नहीं होगा। लेकिन हम कहाँ मानने वालों में से हैं....रोज खुद से वही वादा और फिर इसका अंत वही। परिक्षा(इम्तिहान) छात्र जीवन का महत्वपूर्ण अंग रहा है। हम पूरे वर्ष सही ढ़ंग से नहींं पढ़ते हैं और परिक्षा के समय दिन-रात एक कर देते हैं.....सारा कॉपी-किताब बिस्तर पे फैल जाता है। और उसी समय संकल्प लेते हैं कि परिक्षा के बाद पहले दिन से ही पूरे वर्ष मन लगा कर पढ़ेंगे। फिर परिक्षा बितने के बाद वही धूम-धड़ाका शुरू....और आह्ह्ह लेते हुए हम कहते हैं...."बड़ा निक लागेला हो...बड़ा निक लागेला हो...बड़ा निक लागेला"।

"मेरे तरफ से सभी को नव वर्ष की ढे़र सारी शुभकामनाएँ"

बड़ा निक लागेला (Bada Nik Lagela IN BHOJPURI) - UNPREDICTABLE ANGRY BOY www.prkshsah2011.blogspot.in


 बड़ा निक लागेला 

FULL SCREEN VIEW 👈

(1)
बरखा के धार में,
घाम के पसीना में
मेहनत करके
एक वक्त के रोटी
बड़ा निक लागेला

माटी के घर में,
बाँस के मचान पे,
खईला के बाद
एक वक्त के निंद
बड़ा निक लागेला हो
बड़ा निक लागेला हो
बड़ा निक लागेला...

(2)

बाबुजी के डाँट में,
घर छोड़े के ख्याल में,
सोचला के बाद
घर जाए में
बड़ा निक लागेला।

माई के दुलार में,
नोक-झोंक कईला से,
रूठला के बाद
'आँचल के छाँव' जाए में
बड़ा निक लागेला हो
बड़ा निक लागेला हो
बड़ा निक लागेला...

(3)

देर रात जगला में
दोपहरिया के उठला में
अंगराई के बाद
'अब से ना' के अफसोस
बड़ा निक लागेला।

इम्तिहान के समय में
दिन-रात पढ़ला में
कुछु ना बुझईला के बाद
खूब कापी-किताब पलटला में
बड़ा निक लागेला हो
बड़ा निक लागेला हो
बड़ा निक लागेला...
                           ©prakashsah


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©prakashsah
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33 comments:

  1. भोजपुरी हमहूँ के बड़ा निक लागेला...भाई आपकी इस रचना की जितनी सराहना करे हम कम है बहुत बहुत सुंदर आँचलिक भाषा में गढ़ी रचना...माटी की सोंधी खुशबू से सराबोर....मनमोहक सृजन...👌👌👌👌

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद दी। मैं आपको प्रभावित कर पाया ये मेरे लिए सच्च में प्रसन्नता की बात है।
      "बड़ा निमन लागल राउर प्रतिक्रिया पढके"🙏🙏

      Delete
  2. प्रिय बंधु प्रकाश --भले भोजपुरी ना के बराबर आती है पर रचना बड़ी सरस है नीक लागेला | अपनी भाषा अपनी माटी उसकी जगह कोई नही ले सकता |

    ReplyDelete
  3. जी मैं जरूर उपस्थित होऊँगा। सादर आभार आपका। मेरी रचना को और अधिक पाठकों तक पहुँचाने के लिए। धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. सहृदय आभार आपका। भोजपुरी इतनी सहज है कि ये सबको अपने हृदय में जगह देती है। आपने सही कहा...अपनी मातृभाषा से एक अलग ही प्रेम रहता है।

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  5. दिल की छू गईला बा 😘💋

    ReplyDelete
    Replies
    1. राउर बहुते धन्यवाद 🙏

      Delete
  6. बड़ा निक रचना लागल राउर ,वाह !!!! दिल खुश हो गइल ब्लॉग पर भोजपुरी रचना देख के।
    सच ,बहुत खूब लिखा है आपने सरस ---सरल भोजपुरी ,मेरी मातृभाषा भी भोजपुरी ही है। सादर नमन

    ReplyDelete
    Replies
    1. प्रणाम स्वीकार करीं हमार। भोजपुरी के मिठास सब जन तक पहुँचे ईहे हमार कोशिश बा।
      आप मेरे ब्लॉग पे आयीं और भोजपुरी से अपने लगाव को यहाँ वयक्त किया...एकरा खातिर राउर बहुत-बहुत आभार बा।

      Delete
  7. बहुत ही बढ़िया।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद स्वीकार करें मेरा, दीपशिखा जी।

      Delete
  8. माटी से निकली हुई है सोंधी सी रचना बहुत प्यारी लगी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. अपने अनुभव को मेरे साथ साझा करने के लिए सहृदय आभार आपका।

      Delete
  9. भोजपुरी पुरी तो नही समझ पाई पर रचना कुल मिलाकर बहुत ही नीकी लगी।
    बधाई अपनी भाषा की खुशबू को हम सभी तक पहुंचाने के लिए ।
    सादर।

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद कुसुम जी। इसकी खुशबू आप तक पहुँच गयी इतना ही काफी है।

      Delete
  10. बहुत सुन्दर...

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद।

      Delete
  11. निज बोली-भाषा में जो अपनत्व समाहित है वह अनमोल है। सुन्दर प्रस्तुति।

    ReplyDelete
    Replies
    1. इसलिए तो हम कहे "आपन_भाषा भोजपुरी"।
      मैं इसे बोले बिना एक दिन भी नहीं रह सकता। प्रशंसा हेतु बहुत-बहुत धन्यवाद, भईया। काफी दिनों बाद आपकी कोई प्रतिक्रिया आयी। प्रणाम।

      Delete
  12. दिल को छूती लाज़वाब रचना....

    ReplyDelete
    Replies
    1. मुझे बहुत खुशी हुई यह जानकर।
      सादर प्रणाम सर। मेरे ब्लाॅग पर आपका स्वागत है। भोजपुरी ही दिल है।

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  13. वाह भाई वाह दिल खुश कर दिया तुमने तो
    प्रकाश भाई आप और आगे बढ़े यहीं शुभकामना मेरी ओर से

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद भाई। 😘 😍

      Delete
  14. अइसही निमन निमन रचना लिखत रहीं। रउआ के पढेनी त हमरो बड़ा नीक लागेला। जय भोजपुरी जय हिंदी।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हमार तऽ कोशिश बरले बा....बाकी राउर विचार जान के हमरो बड़ा नीक लागल। आभार।
      जय भोजपुरी जय हिन्दी।

      Delete
  15. बड़ा मजा आ गइल भाई

    ReplyDelete
  16. बड़ा निक लागल इ रचना | keep working and best of luck.

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद राउर!!!

      Delete