एगो चाँद के कोना तोड़ले रहनी,
आपन इश्क के आसमान बनावे ख़ातिर।
तोड़ले रहनी हर दिन एगो तारा एमे से,
आपन इश्क के माँगे खातिर।
एकरा के दूगो नैनन से खूब निहरले रहनी
आपन ख्वाहिश के सच बन जाए खातिर।
जब टूट जाला सारा तारा इश्क के,
आवेला जुगनू रात में तारा बन जाए खातिर।
मन के पंछी चाहेला आसमान के हद छू लीं,
बस रूक जाला एगो तिनका के सहारा खातिर।
-प्रकाश साह
08062022
मेरी कुछ अन्य रचनाएँ....
1. बड़ा निक लागेला (Bada Nik Lagela) | भोजपुरी कविता | PRAKASH SAH
आपकाे यह रचना कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बतायें। और अगर मेरे लिए आपके पास कुछ सुझाव हाे तो आप उसे मेरे साथ जरूर साझा करें।
🙏🙏 धन्यवाद!! 🙏🙏
BG P.C. : YourQuote.in
P. Editing : PRAKASH SAH