मत मत के मतदान से
मैदान में आया नया मेहमान
हाँ हाँ करके टोपीधारी
करा न्यायालय का पोथी भारी
नहीं नहीं मैं कानून हुआ
तोड़ मरोड़ कर पेश हुआ
नेताओं के साज़िश में
कर ना पाया कभी भला
भय भय में भयावह
हवा बही है चारो ओर
इसको तोड़ो इसको फोड़ो
आग लगी है चारो ओर
चल चला चल हल्लाबोल
कोई करे अगर रोक टोक
संविधान है खतरे में
ये तू ज़ोर-ज़ोर से बोल-बोल
-प्रकाश साह
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1.ये तुम्हारा समर नहीं, ‘अगर-मगर’ वाला भ्रम है.......prakash sah
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