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Thursday, 23 January 2020

भोजपुरी के भूल गई लऽ | PRAKASH SAH

..........                     

भोजपुरी के भूल गई लऽ
तऽ फिर माई के दुलरूवा कईसन!

आजही के दिन छोड़ गई लऽ
तऽ फिर माई के आंचरवा कईसन!

आपन सपना के पावे गई लऽ
तऽ फिर चैन के निनिया कईसन!

आपन रूप के भूल के
दोसरा के रूप ले ले लऽ
और लौटे के अइलऽ ना
तऽ खाली सोचला के फायदा कईसन!

                                                           -prakash sah

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©prakashsah
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Wednesday, 8 January 2020

बस इतना ही समझिए..........-prakash sah

बस इतना ही समझो (Bass Itna Hi Samjho) - prakash sah - Unpredictable Angry Boy -  www.prkshsah2011.blogspot.com


हिंसा का जवाब अहिंसा नहीं
अहिंसा का जवाब हिंसा नहीं
       पर हिंसा का जवाब...हिंसा भी नहीं
और अहिंसा का जवाब
अहिंसा भी गैरजरूरी नहीं।

ना आज तक कोई हिंसा रोक पाया है
ना फिर कोई दूसरा गाँधी बन पाएगा
       हर कोई गाँधी का...चोला पहनकर
अहिंसा का झंडा थामे रखा है
ये भी बेफिजूली है, वो भी नामंजूर है

जो हो गया वो भी सही है
और
जो ना हुआ वो भी गलत है

                 बस इतना ही समझिए...!!!!

                                                  -prakash sah




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©prakashsah
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Wednesday, 1 January 2020

आप सभी को नव वर्ष की ढ़ेर सारी शुभकामनएँ.......prakash sah

जश्न इस बार नई होगी  ( JASHN ISS BAAR NAYI HOGI ) - prakash sah - Unpredictable Angry Boy -  www.prkshsah2011.blogspot.com


।। जश्न इस बार नई होगी ।।

**(4)**

दुआ दे दूँ, दुआ माँग लूँ
   हाथ जोड़ कर सिर झुका लूँ...
खुद को मैं बड़ा बना लूँ,
खुद को मैं छोटा बना लूँ
जिससे ना कोई मायने बनेंगे,
जिससे ना कोई दायरें बनेंगे।
सबका सम्मान बराबर, सबका हो मान बराबर
तब बढेंगे, तन बढेंगे, मन बढेंगे,
जहाँ को हम जन्म लिए, वहीं से जुड़े सदैव रहेंगे।
हाँ...शीघ्रता में देर होगी,
सर्द की रूग्ण भोर होगी,
स्वर की अमर गूंज वही होगी,
इस नव वर्ष की पहली किरण के संग
नए लोग मिलेंगे पर रश्म नई होगी।
साल भी वही है, सरहदें भी वही है
पर जश्न इस बार नई होगी
   पर जश्न इस बार नई होगी...
   पर जश्न इस बार नई होगी...

पूरी रचना यहाँ जरूर पढ़े...👇👇


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©prakashsah

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