जिस दिन तुम्हारी शादी होगी वो क्षण मेरे लिए बड़ा असहनीय होगा,
तुमसे ज़्यादा मेरी आँखों में आँसू बह रहा होगा।
उस दिन चाँद-तारों की टोली में कुछ जुगनुओं को भी बुलाऊँगा,
जिससे तुम अपने ख़्वाबों को खूब सुन्दर सजा लेना, ओ! मेरी बहना।
जब तुम थक जाओ अपनी शादी के मनचाहे शोरगुल की खुशी में,
तब तुम उन यादों को अपनी पलकों से ओढ़ लेना, ओ! मेरी बहना
तुम्हें सुकून की नींद मिले, उन ख्वाबों के बागों में,
तुम उनमें पंछी - सा सैर करना, ओ! मेरी बहना।
सुबह ज़ल्दी आँखें मिचते उठ जाना, जब पंछी विचरने लगे आंगन में,
एक पंछी आयेगी बुलाने झरोखे पे, तुम साथ चले जाना, ओ! मेरी बहना।
भोर की ओस की बूंदों की भाँती, खूब रहना चंचलता में,
तुम कंचन मन हेतु तनिक भजन कर लेना, ओ! मेरी बहना।
..............ओ! मेरी बहना........ओ! मेरी बहना..............
जब तुम थक जाओ अपनी शादी के मनचाहे शोरगुल की खुशी में।
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