।। सूरज की एक झलक ।।
पेड़-पौधों की है ललक,
देख लूँ सूरज की एक झलक,
इंतजार की किरण जाने लगी,
आँखों की रौशनी खोने लगी,
अब हौले-हौले गिरने लगी आँखों की पलक ।
आपके कारण फूलों में है सुगंधित महक,
आपसे दूर जाने की है झिझक,
पेड़-पौधों की है ललक,
देख लूँ सूरज की एक झलक ।
जीवन जीने की आत्मीयता आप से ही,
खानापूर्ती आप से ही,
हर दुःख दर्द से निपटने की है कवच,
आपकी जिम्मेदारी पे है ना किसी को शक,
पेड़-पौधों की है ललक,
देख लूँ सूरज की एक झलक ।
धुल जाए मन की दूषित कलंक,
बारीश की एक बूँद गया टपक,
सुबह होने की आँखों मे है चमक,
आ चुका है प्रकाश का धमक,
सुन लो दुनिया वालों...
पेड़-पौधों की है ललक,
देख लूँ सूरज की एक झलक ।
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