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Saturday 31 December 2016

सूरज की एक झलक (Suraj Ki Ek Jhalak) - PS



।। सूरज की एक झलक ।।


पेड़-पौधों की है ललक,


देख लूँ सूरज की एक झलक,


इंतजार की किरण जाने लगी,


आँखों की रौशनी खोने लगी,


अब हौले-हौले गिरने लगी आँखों की पलक ।






आपके कारण फूलों में है सुगंधित महक,


आपसे दूर जाने की है झिझक,


पेड़-पौधों की है ललक,


देख लूँ सूरज की एक झलक ।







जीवन जीने की आत्मीयता आप से ही,


खानापूर्ती आप से ही,


हर दुःख दर्द से निपटने की है कवच,


आपकी जिम्मेदारी पे है ना किसी को शक,


पेड़-पौधों की है ललक,


देख लूँ सूरज की एक झलक ।







धुल जाए मन की दूषित कलंक,


बारीश की एक बूँद गया टपक,


सुबह होने की आँखों मे है चमक,


आ चुका है प्रकाश का धमक,


सुन लो दुनिया वालों...


पेड़-पौधों की है ललक,


देख लूँ सूरज की एक झलक ।

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