I'm very hurt to see & hear the terrifying news how some youths of our generation misbehaved and did evil deeds with girls & women of Bengaluru and Delhi on the day of New Year and on the further day.
This is very hell like situation and it is not to be tolerated.
।। मन में सम्मान की लौ जला कर चले हैं ।।
This is very hell like situation and it is not to be tolerated.
।। मन में सम्मान की लौ जला कर चले हैं ।।
सड़कों पर चलते दरिंदों का अंबार है,
कूड़ा हैं, करकट हैं, गंदे नालियों के खून हैं।
जब जि चाहा खोला, जब जि चाहा बंद किया,
जैसे महिलाओं को समझते संदूक की दराज हैं।
सोच का अभाव है, नज़र में ना शर्म - न हया है।
आधुनिकता के नाम पर तर्क रखने वालों
तेरी छोटी बुद्धि का तर्क ‘कुतर्क’ है।
तू अपनी हरकतें संभाल ले
या फिर अपनी बरकतें गँवा दे।
या फिर अपनी बरकतें गँवा दे।
तेरी पीढ़ी के साथ हम भी उगे हैं...
हम चौक-चौराहों पे मोमबत्ती नहीं,
मन में सम्मान की लौ जला कर चले हैं।
अब बस हुआ...
वो तलवारों की धार से, धनुष की बाणों से
वो तोपों के गोलों से, बंदूक के गोलियों से
जुर्म मिटाने की खोखली बात।
अब किसी मसीहा के आश की राह में ना बैठेंगे,
दूनिया के किसी कोने में बचे
उस संस्कार को हथियार बना कर चलेंगे,
जिससे चोट तो पहुँचेगी, पर जख्म ना होगी।
सोच तो नई बनेगी, पर कोई बंदिशें ना होगी।
स्थिरता तो दिखेगी, पर जंजीरता ना होगी।
इंसान तो वही होंगे, पर वो दरिंदें ना होंगे।
“हवाओं को अब ना धूल उडाने देंगे,
धूप की धूंधली-धूंधली रौशनी को ना छूपने देंगे।”
इस पीढ़ी के साथ हम भी उगे हैं...
हम चौक-चौराहों पे मोमबत्ती नही
मन मे सम्मान की लौ जला कर चले है।
©prakashsah
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It is the real awareness INDIA need...
ReplyDeleteThanks Mr. Om
ReplyDeleteThis is the spark which every person needs to be blow
ReplyDeleteFor the better India
Right!
DeleteAnd also for the better Human Being.
Better Human Being = Better India
बहुत सुंदर और सार्थक सृजन 👌
ReplyDeleteजी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका।
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