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Friday, 14 April 2017

ईश्वर-ईश्वर (THE GOD) -PS

GOD IS EVERYWHERE JUST NEED TO BELIEVE !
।। ईश्वर-ईश्वर ।।
जग में हरदम सोया,
पग-पग में कुछ तू खोया।
जग को नापा, पग से तू,
ईश्वर कण-कण में और अब भी पग में तू।

रोम-रोम से जाग उठ
मुझमें ईश्वर, तुममें ईश्वर
सब में हैं ईश्वर-ईश्वर
इस सच्च को मान ले तू।

ना थक पहर-पहर, ना ढ़ूँढ़ शहर-शहर
फिर भी ढ़ूँढ़ अगर तू ढ़ूँढ़ सके
पर मिलने से ना मिलने वाले।
विश्वास अगर तुम में
तो मन में ईश्वर, दिल में ईश्वर
सब में हैं ईश्वर-ईश्वर
अब इस सच्च को मान ले तू।

रात्री-दिवस का स्वरूप हो,
या सूर्य-चंद्र की असीम किरणे
हर पल की वही कहानी, जग में हैं ईश्वर
कल, आज व अग्र-निकट काल में भी है ईश्वर
सब में हैं ईश्वर-ईश्वर
सत्य यहि सब में हैं ईश्वर-ईश्वर
अब इस सच्च को मान ले तू।
©ps



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