GOD IS EVERYWHERE JUST NEED TO BELIEVE !
जग में हरदम
सोया,
पग-पग में कुछ
तू खोया।
जग को नापा, पग
से तू,
ईश्वर कण-कण
में और अब भी पग में
तू।
रोम-रोम से जाग
उठ
मुझमें ईश्वर,
तुममें ईश्वर
सब में हैं
ईश्वर-ईश्वर
इस सच्च को मान
ले तू।
ना थक पहर-पहर,
ना ढ़ूँढ़ शहर-शहर
फिर भी ढ़ूँढ़
अगर तू ढ़ूँढ़ सके
पर मिलने से ना
मिलने वाले।
विश्वास अगर
तुम में
तो मन में
ईश्वर, दिल में ईश्वर
सब में हैं
ईश्वर-ईश्वर
अब इस सच्च को
मान ले तू।
रात्री-दिवस का
स्वरूप हो,
या सूर्य-चंद्र
की असीम किरणे
हर पल की वही
कहानी, जग में हैं ईश्वर
कल, आज व
अग्र-निकट काल में भी है ईश्वर
सब में हैं
ईश्वर-ईश्वर
सत्य यहि सब
में हैं ईश्वर-ईश्वर
अब इस सच्च को
मान ले तू।
©ps
©ps
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