Email Subscription

Enter your E-mail to get
👇👇👇Notication of New Post👇👇👇

Delivered by FeedBurner

Followers

Tuesday, 27 March 2018

चिपको आंदोलन (Chipko Movement) -ps

...

प्रेम का जंगल बोया था हमने,
सबने  अपने जरूरतों के हिसाब से...
...इसका  इस्तमाल किया ।

इन्होने....
इसके,
बुरे हालातों में......एक आँसू न बहाया

शायद कहीं...
उन आंसूओं से
कोई प्रेम के बिजें......
.............. उग आतें ...............
...
तो हमे...
प्रेम के जंगल को
कसके लिपटकर
खड़ा ना होना पड़ता..,
फिर से
"चिपको आंदोलन" की शुरूआत को
सोचना न पड़ता ।
©PS

4 comments:

  1. सुस्वागतम
    बहुत सुंदर रचना
    लिखते रहें

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी..,बहुत बहुत धन्यवाद !

      Delete
  2. वाह!!बहुत खूब ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. शुक्रिया शुभा जी ।

      Delete