सवालों के घेरे मेंहम इंसानों का एक कृत है...शय्या पे मृत पड़ेइंसानों कोकंधा देने के लिएलोग कतारबद्ध खड़े मिल जाते हैं।लेकिनसड़क पे कुचले गयेजानवरों कोलावारिस की तरह छोड़करगाड़ियों के चक्के से बार-बार रौंदते हुएउनके खाक हो जाने तकहम इस तरहउनका अंतिम संस्कार क्यूँ करते हैं?तबहमारी सारी संवेदनाएँकहाँ चली जाती है?क्या ये संवेदनाएँसिर्फ इंसानी मृत शरीर के लिए ही है?क्या वाकई ये कृत, घृणित नहीं है?-प्रकाश साह06032023
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मार्मिक रचना !
ReplyDeleteमृत इंसानों को कंधा देने के लिए भी लोग अब कहां मिल पाते हैं ? फिर जानवर तक कौन पहुंचे?
ReplyDeleteसंवेदनाएँ दम तोड़ती जा रही हैं।
ReplyDeleteमार्मिक रचना।