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Sunday 18 December 2016

धरतीपुत्र सैनिक (Brave Soldiers) - PS


-**- धरतीपुत्र सैनिक -**-
हमारे धरतीपुत्र सैनिक ने है जान गँवाई,
अपने खूनों से वतन की है लाज बचाई ।
ऐ दुश्मन तुझे भय न आया,
तूने किसकी छाती पे है कदम बढाया ।
ये लाखों शहीदों के खूनों से सिंची है छाती,
ये धरती नही, मेरी माता हैं
तूझे इसकी छाती की ताकत नजर ना आई।।

भभक उठे है, रोम-रोम सारे मेरे बदन,
खून मेरे अंगारे,
जला दूँ मैं तेरे आतंक के अंग सारे,
इस मिट्टी में ना मिलकर भी,
मिट जाएगा तू,
मिट जाएगा तू,
  मिट जाएगा तू...

तू खूद को आतंक का
चट्टान है समझता,
अगर हम सैनिक
समुद्र की भाँती फूँक दे तो
तू चट्टान से रेत बन जाएगा,
तू चट्टान से रेत बन जाएगा,
  तू चट्टान से रेत बन जाएगा...

तूने अपने अकाओं से सीखा है,

सिर्फ गोली, है तूझे चलाना।
हमने जन्म से ही सीखा है,
दूसरों के जान को कैसे है बचाना,
हमने जन्म से ही सीखा है,
हमने जन्म से ही सीखा है
©ps


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