।। तुम्हारी याद में ।।
तुम्हारी याद में
रात-रात बीत गयी
कि तुम गये कहीं नहीं
मुझे छोड़कर...
..कैसे लूँ जगह, तुम्हारी मैं -
राह-राह चलते तुम
आँखों में
अचानक
आ जाते हो।
क्षण-में-क्षण-में सामने आ,
....ओझल हो जाते हो....
..........................................
चेहरे के किसी कोने में
दर्द की कुछ सिकन
दिख जाएगी...
कण-कण में तुम,
तन-मन में तुम।
जिस ओर देखूँ मैं,
हर ओर नजर
आते हो तुम।
©PS
बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है
ReplyDeleteवक़्त मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आयें !
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सहृदय आभार आपका संजय जी। मुझे बहुत खुशी होगी आपका ब्लाॅग पढने में।
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ReplyDeletepositivebate.com
Of course, it's honour for me. And thanks for your kind words, Mr. Kumar.
Deleteबेहतरीन रचना 🙏
ReplyDeleteबहुत-बहुत धन्यवाद नीतू जी। काफी दिनों बाद आपकी कोई प्रतिक्रिया आई है। अच्छा लगा।
DeleteThanks Neha!!!
ReplyDeleteAnd Sorry for very Late reply...!