Email Subscription

Enter your E-mail to get
👇👇👇Notication of New Post👇👇👇

Delivered by FeedBurner

Followers

Friday, 13 January 2023

जब दीवानों के शहर में नया साल आता है | PRAKASH SAH

 

www.prkshsah2011.blogspot.in


किसी को दिल लगाकर दिल तोड़ने में क्या मज़ा आता है?

कोई  ज़माने  तक दिल लगाए  रखे  तो  अच्छा  लगता है।


दिलचस्पी  नहीं  मुझे, सजे हुए शहर को देखने में,

कोई दीवाना मिले तो मज़ा आता है हाल पूछने में।


जब    दीवानों    के   शहर    में    नया   साल    आता   है,

बीते साल को याद करके दीवाना फिर भी दिवाना रहता है।


सुर्ख फूलों  की  हवाओं  से  नज़राने  में जब  मोहब्बत  मिले,

दीवानों  के मन  को पंख लगाने से  कोई  रोक  नहीं पाता है।


ज़िंदगी  की कश्ती समंदर छोड़  जब आसमानों में दिखता है,

सच  में  दीवानों के शहर में  दीवाना  होने  का मन करता है।


जब दीवानों  के शहर में नया साल आता है,

सारे गमों  को भूलकर शहर झूम उठता  है।

 -प्रकाश साह 

11012023



 मेरी कुछ अन्य नयी रचनाएँ....


आपकाे यह रचना कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बतायें। और अगर मेरे लिए आपके पास कुछ सुझाव हाे तो आप उसे मेरे साथ जरूर साझा करें।     

🙏🙏 धन्यवाद!! 🙏🙏

BG P.C. : YourQuote.in

P. Editing : PRAKASH SAH