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Friday 13 January 2023

जब दिवानों के शहर में नया साल आता है | PRAKASH SAH

 

www.prkshsah2011.blogspot.in


किसी को दिल लगाकर दिल तोड़ने में क्या मज़ा आता है?

कोई  ज़माने  तक दिल लगाए  रखे  तो  अच्छा  लगता है।


दिलचस्पी  नहीं  मुझे, सजे हुए शहर को देखने में,

कोई दिवाना मिले तो मज़ा आता है हाल पूछने में।


जब    दिवानों    के   शहर    में    नया   साल    आता   है,

बीते साल को याद करके दिवाना फिर भी दिवाना रहता है।


सुर्ख फूलों  की  हवाओं  से  नज़राने  में जब  मोहब्बत  मिले,

दिवानों  के मन  को पंख लगाने से  कोई  रोक  नहीं पाता है।


ज़िंदगी  की कश्ती समंदर छोड़  जब आसमानों में दिखता है,

सच  में  दिवानों  के शहर में  दिवाना  होने  का मन करता है।


जब दिवानों के शहर में नया साल आता है,

सारे गमों  को भूलकर शहर झूम उठता  है।

 -प्रकाश साह 

11012023



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🙏🙏 धन्यवाद!! 🙏🙏

BG P.C. : YourQuote.in

P. Editing : PRAKASH SAH

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