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भोजपुरी के भूल गई लऽ
तऽ फिर माई के दुलरूवा कईसन!
आजही के दिन छोड़ गई लऽ
तऽ फिर माई के आंचरवा कईसन!
आपन सपना के पावे गई लऽ
तऽ फिर चैन के निनिया कईसन!
आपन रूप के भूल के
दोसरा के रूप ले ले लऽ
और लौटे के अइलऽ ना
तऽ खाली सोचला के फायदा कईसन!
-prakash sah
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©prakashsah
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