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Saturday, 23 May 2020

मैं अभी थका नहीं - prakash sah

मैं अभी थका नहीं ( MAIN ABHI THAKA NAHI ) - prakash sah - Unpredictable Angry Boy -  www.prkshsah2011.blogspot.com


            (1)

मैं अभी थका नहीं

मैं अभी रूका नहीं

एक प्रण है मेरा

अंत मेरा गुमनाम ना हो

सोच के भँवर में

मन के अँधेरे में

मैं कभी फँसा नहीं

मैं कभी बुझा नहीं

 

हाँ...! मैं अभी थका नहीं

        मैं अभी रूका नहीं


            (2)

समय घड़ी की चलती है

बिना लिए अनुमति किसी की।

राज रजनी का ढूँढ़ना है

भोर-सा मुझे बनना है

बीती बात भूल जाना है

मैं अभी हारा नहीं

मैं अभी डरा नहीं

 

हाँ...! मैं अभी थका नहीं

        मैं अभी रूका नहीं

 

            (3)

सहनशील व्यवहार लाना है

नित्य सहज करम करना है

निज बातों का प्रबल समर्थक

स्वयं में इसका बीज बोना है

मैं अभी हम नहीं

हम अभी बनना है


मैं अभी थका नहीं

मैं अभी रूका नहीं...

 

हाँ...! मैं अभी थका नहीं

        मैं अभी रूका नहीं

                                                       -prakash sah



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©prakashsah
UNPREDICTABLE ANGRY BOY
PRKSHSAH2011.BLOGSPOT.IN
P.C. : UAB

9 comments:

  1. After a long time my buddy... Bt as usual it's awesome,, the words r motivated and I have seen ur character in this poem😍👍

    ReplyDelete
  2. Inspirational.....i am proud of u....keep inspiring ♥️

    ReplyDelete
  3. सुन्दर अभव्यक्ति

    ReplyDelete
  4. वाह !बेहतरीन सृजन.
    सादर

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद अनीता जी!

      Delete
  5. सादर आभार आपका।

    ReplyDelete