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Sunday 9 May 2021

माँ का साथ (संवाद) - prakash sah

माँ का क्या होगा? किसने जाना? मैं हर बार सहमा इन सवालों से। अब मैंने उससे बोला कि रह तू जीवन भर, मेरे संग, ओ! मेरी माँ। अब ढ़ेर सारी बेमतलब बातों में, मैं एक मतलब की बात जाना हूँ..."माँ है क्या"

(माँ की दुनिया बहुत साधारण होती है.....इसी तरह यह रचना भी माँ की तरह बिल्कुल साधारण है, बिना कोई भारी भरकम शब्दों के साथ)

www.prkshsah2011.blogspot.in



माँ है क्या
मैंने जाना
मैंने बोला
कि रह तू जीवन भर
मेरे संग
ओ! मेरी माँ, मेरी माँ, मेरी माँ...

रोया मैं
माँ दुलारी
माँ बोली
कि रहूँगी जीवन भर
तेरे संग
मैं! तेरी माँ, तेरी माँ, तेरी माँ...


आँचल के
छाँव में
रहना है
सोना है
निंदिया मेरी, लोरी तेरी
ओ! मेरी माँ, मेरी माँ, मेरी माँ...

मैं भूखा और
माँ का
एक निवाला
माँ बोली
मैंने तुझे रोज निहारा
मैं! तेरी माँ, तेरी माँ, तेरी माँ...


मैं तेरा रूप
कहते लोग
देखा मैं
तेरी ओर
मुझमें तू
ओ! मेरी माँ, मेरी माँ, मेरी माँ...

माँ आसमान
वो बोली
तू है मेरा
चाँद-तारा
तू मुझमें देख
मैं! तेरी माँ, तेरी माँ, तेरी माँ...

                                                                -प्रकाश साह

                                                                                            281018


 मेरी कुछ अन्य रचनाएँ....


आपकाे यह रचना कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बतायें। और अगर मेरे लिए आपके पास कुछ सुझाव है तो आप उसे मेरे साथ जरूर साझा करें।     

🙏🙏 धन्यवाद!! 🙏🙏

11 comments:

  1. शब्द -शब्द मां, सांस -सांस मां। मां से अभिनव सुंदर संवाद!!!
    मां का प्रतिउत्तर उससे भी माँ आसमान
    वो बोली
    तू है मेरा
    चाँद-तारा
    तू मुझमें देख
    मैं! तेरी माँ, तेरी माँ, तेरी माँ... अधिक -----
    बहुत प्यारी रचना ----सरस, सरल और मधुर। मां और आपका साथ अक्षुण रहे यही कामना करती हूं। हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
    Replies
    1. इतनी सुन्दर प्रतिक्रिया...वाह!!! मन बहुत उत्साहित है। इस स्नेह के लिए हृदय से आभार आपका रेणु दी! धन्यवाद।

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  2. मैं भूखा और
    माँ का
    एक निवाला
    माँ बोली
    मैंने तुझे रोज निहारा
    मैं! तेरी माँ, तेरी माँ, तेरी माँ... खूबसूरती और मासूमियत भरी,दिल को छूती सुंदर रचना,आप हमेशा अपनी प्यारी मां के लिए ऐसे ही स्नेहिल रचनाएं रचती रहें, यही शुभकामनाएं हैं ।

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    Replies
    1. जी अवश्य! मैं आगे में भी रचूंगा। इतनी सुन्दर और स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए हृदय से धन्यवाद-आभार आपका।

      Delete
  3. जी बिल्कुल! मैं अवश्य आऊंगा। बहुत-बहुत धन्यवाद आभार आपका।

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  4. बहुत सुंदर कोमल मृग छौने की छोटी छोटी मोहक कुलांचें भर्ती मोहक रचना।

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    Replies
    1. सच में यह बहुत सुन्दर प्रतिक्रिया है। बहुत धन्यवाद आपका।

      Delete
  5. अति सुन्दर भाव ।

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    Replies
    1. जी बहुत धन्यवाद आपका।

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  6. बेहद खूबसूरत रचना

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    Replies
    1. जी बहुत-बहुत शुक्रिया आपका

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