एगो चाँद के कोना तोड़ले रहनी,
आपन इश्क के आसमान बनावे ख़ातिर।
तोड़ले रहनी हर दिन एगो तारा एमे से,
आपन इश्क के माँगे खातिर।
एकरा के दूगो नैनन से खूब निहरले रहनी
आपन ख्वाहिश के सच बन जाए खातिर।
जब टूट जाला सारा तारा इश्क के,
आवेला जुगनू रात में तारा बन जाए खातिर।
मन के पंछी चाहेला आसमान के हद छू लीं,
बस रूक जाला एगो तिनका के सहारा खातिर।
-प्रकाश साह
08062022
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