?ʢ क्या हुआ ?ʢ
तू फूल है तो क्या हुआ,
मैं भी कोई नाचीज़ ना हुँ
काँटा बन कर चूभ जाउँगा,
तुम आहे भरते रह जाना
तू धूप है तो क्या हुआ,
मैं भी कोई नाचीज ना हूँ
धूल बन कर उड़ जाउँगा,
तू काल है तो क्या हुआ,
मैं भी कोई नाचीज ना हूँ
निडर हो कर अड़ जाउँगा,
तुम भय का गुब्बारा फूलाते रह जाना
तू कौन है उससे क्या हुआ,
मैं तो आखिरकार नाचीज हूँ
तुम्हे भूल कर भी ना भूल पाउँगा,
तुम दोस्ती की खातिर
इस दोस्त को याद करते रह जाना
©ps
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