सुनिए इस कविता को मेरी आवाज़ में...👇👇
कहानी दिल की कहाँ से शुरू करूँ
शुरू होने से पहले ही खत्म हो गयी
ख्वाबों का दरिया था मैं
पर एक ख्वाब भी मेरा सच्च ना हुआ
वो इंतजार वाली घड़ी मेरे पास ही है
पता चला है, वो कहीं आसपास ही है
उड़ते अफवाहों को कितना सच्च मानूँ
मैं उसके दिल में था, ये कैसे जानूँ?
खैर अब तो ये सब, दूर की बात है
वो किसी दूसरे शहर में, किसी दूसरे के साथ है
किसी सफर में जब भी अकेला रहता हूँ
उसी को सोचकर कुछ लिखता रहता हूँ
कारण का बस इतना ही कहानी है
वो मेरे दिल में है, यही मेरी नदानी है
यही मेरी कहानी है, यही मेरी कहानी है...
- ©prakashSah
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🙏🙏 धन्यवाद!! 🙏🙏
©prakashsah
UNPREDICTABLE ANGRY BOY
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अच्छा है। लिखते रहें।
ReplyDeleteस्वागत स्वागत स्वागत है आपका मेरे ब्लॉग पर।
Deleteआभार एवं धन्यवाद प्रशंसा हेतु।
Well written Prakash..... Keep doing the good work
DeleteThankyou so much!!!!
Deleteबढ़िया है। लिखते रहिये।
ReplyDeleteआभार एवं बहुत बहुत धन्यवाद।
Deleteजी धन्यवाद आपका!
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