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Sunday, 26 November 2017

मृगुवक (Mriguvak) -ps


मृग और युवक के संधी से  शब्द 'मृगुवक' बना है (मृग + युवक = मृगुवक) ।

हम सब ने एक सुप्रसिद्ध कहानी पढ़ा या सुना होगा जिसमें एक मृग (हिरण)  जंगल में एक अज्ञात सुगंध के पिछे पागल रहता है और इसकी खोज में पुरे वन को खंगाल देता है पर वह इसे ढूँढ़ने में सफल नही हो पाता। क्योकि वह सुगंध उसके ही नाभी में होती है और वह इससे पुरी तरह अनभिज्ञ है। 

इसी प्रकार एक युवा अपनी काबलियत के बारे में जानने की कोशीश नही करते हैं और ज्यादातर युवा भेड़ चाल में विश्वास करने लगते हैं। दूसरा क्या कर रहा ? .....इसी को ध्यान में रखकर वह ज्यादातर समय में वे अपनी सोच को तय करते हैं। 
एक युवा के अंदर में हमेशा कुछ नया करने की आग होती है.....उनमें भरपूर  जोश और उत्साह साथ होता है । 
युवा हर समस्या का हल है...चाहे वह समस्या कितना ही कठिन क्यों ना हो । युवा सृजनकर्ता है। यही विद्युत हैं, यही प्रवाह हैं।

हमे अपना आदर्श स्वामी विवेकानंद, महात्मा गाँधी, भगत सिंह और ऐसे अन्य को मानकर....उनका अनुसरण करना चाहिए । हमे हिरण से सबक लेकर....खुद को जानने का खुब मौका देना चाहिए....ना कि भेड़ चाल चले।
युवा को अपना क्रोध, उत्तेजना, जोश और उत्साह को सार्थक नियंत्रण करके आगे बढ़ना चाहिए.... और अपने जड़त्व को ना भूलें।

।। मृगुवक ।।


गरज तू बरस तू

धड़क तू रक्त तू

सन्न है मन में

विद्युत तू प्रवाह तू
-

सनक तू भड़क तू

देर तू अधिर तू

शांती है गांधी में

ज्ञान तू किताब तू
-

जड़ तू धड़ तू

प्रखर तू नव तू

लय है स्वामी में

जान तू खोज तू
-

दहाड़ तू लपक तू

उठा तू बंदुक तू

बलिदान है सिंह में

त्रिमूर्त तू प्रत्यक्ष तू
-

दौड़ तू संभल तू

सुगंध तू सृजन तू

रहस्य है वन में

हिरण तू कस्तुर तू
©ps

*आप अपनी प्रतिक्रिया मेरे साथ जरूर साझा करें।

शब्दार्थ
त्रिमूर्त : शहीद भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव


10 comments:

  1. प्रकाश साह आप बहुत अच्छा लिखते हैं, लिखते रहें, युवा के सोच में प्राणवायु भरती सुन्दर कविता।। सादर आग्रह के साथ निवेदन है कि आप मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों -
    मेरे ब्लॉग का लिंक www.rakeshkirachanay.blogspot.com

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    Replies
    1. हृदय से आभार राकेश जी। बस आपका साथ यूँ ही बना रहे।
      मुझे बेहद खुशी होगी आपका ब्लाॅग पढने में।

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  2. आपके ब्लॉग को "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/12/46.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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  3. आपके ब्लॉग को "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2017/12/46.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!

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    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद राकेश जी। मुझ जैसे नौसिखिया को आपने 'मित्र मंडली' में शामिल किया। मेरे लिए ये सम्मान की बात है। आभार।

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  4. बहुत ही सुन्दर

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    Replies
    1. धन्यवाद नीतू जी।

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  5. लाजवाब भैया

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